वक्त जीने के लिए है न की काटने के लिए
आपकी कविता ने जैसे मुह की बात ही छीन ली हो। लेकिन मैमानता हूँ की वक्त को काटने के बजाय जीना चाहिए। बहुत मुश्किल भी नही है बस जैसा माहौल हो वैसा बन जाइये। काफी मुश्किल होता है ऐसा करना लेकिन अगर कुछ बेहतरीन लोगों का साथ मिले तो आसानी से हो सकता है। अब मुश्किल है कि बेहतरीन लोगों को कैसे पाया जाय। ऐसे लोग मिल जाते है अगर अपने अहम को थोड़ा सा दबा कर अपनी स्वाभाविक व्यवहार को अपनाया जाय । बस आपकी अगली कविता का इंतजार रहेगा ।