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वक्त जीने के लिए है न की काटने के लिए

आपकी कविता ने जैसे मुह की बात ही छीन ली हो। लेकिन मैमानता हूँ की वक्त को काटने के बजाय जीना चाहिए। बहुत मुश्किल भी नही है बस जैसा माहौल हो वैसा बन जाइये। काफी मुश्किल होता है ऐसा करना लेकिन अगर कुछ बेहतरीन लोगों का साथ मिले तो आसानी से हो सकता है। अब मुश्किल है कि बेहतरीन लोगों को कैसे पाया जाय। ऐसे लोग मिल जाते है अगर अपने अहम को थोड़ा सा दबा कर अपनी स्वाभाविक व्यवहार को अपनाया जाय । बस आपकी अगली कविता का इंतजार रहेगा ।

सफर कट जाएगा!

हम चले थे उनके साथ कि सफर कट जाएगा आँखों में सपने थे, दिल में तरंगें थी, बहुत कुछ कहना था उनसे हिलोरें ले रही उमंगें थी! शायद खुदा को कुछ और मंजूर था मोड़ आया ऐसा कि रास्ते अलग हो गए जिस तरह चले थे, उनके साथ की सफर कट जाएगा! चले हैं सफर के साथ कि वक्त कट जाएगा !!