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आवाज बंद

कोई भी ताकतवर अपनी ताकत   का प्रदर्शन कमज़ोर पर ही आजमा कर करता है ... कमज़ोर अपनी बात कह न सके इसके लिए सबसे पहले उसकी जुबां छिनी जाती है.... और यही आवाज़ छीनने की कोशिश की जा रही   उन समुदाय से जिनके लिए आज सामुदायिक रेडियो ही सब कुछ है.. मनोरंजन से लेकर हर बात की जानक ा री उन्हें अपने रेडियो के ज़रिये मिलती है , उनकी आवाज़ है सामुदायिक रेडियो... दूर संचार विभाग द्वारा रेडियो से एक सालाना स्पेक्ट्रंम फीस ली जाती है , ताकि रेडियो स्टेशन को एक फ्रीक्वंसी दी जा सके , हर रेडियो स्टेशन का प्रसारण इस फ्रीक्वंसी पर होता है , जिस पर तरंग ध्वनियों   को आकाश में छोड़ा जाता है. जिसे स्पेक्ट्रंम   कहते हैं और सरकार इस पर शुल्क लेती है ।   इसी शुल्क को एक गुना नहीं बल्कि पांच गुना ज्यादा करने जा रही है... पहले जहाँ ये सालाना 19,700 था वहीँ ये 91 , ००० हो गया है.. जो की सामुदायिक रेडियो के बूते से सामर्थ्य से ब ा हार की चीज़ें हैं....   सूचना प्रसारण मंत्रालय विभाग और दूर संचार विभाग the Ministry of Information and Broadcasting (MoIB) along with Min...