मिस्टर झा ---- नॉट सटिसफेड

मेरे एक मित्र हैं और भाई भी, मगर मुम्बई वाला भाई नही, बगिश भाई फिलहाल मुम्बई में ही .कार्य रत हैं बगीश भाई को अंग्रेज़ी बोलने का बड़ा शौक है हर बात को वे सर हिला हिला कर अंग्रेज़ी में ही बताएँगे ऐसे टू चुप ही रहते हैं, मगर जिस दिन बोले समझो क्लास में मुम्बई का ब्लास्ट हो गया हो किसी बात से बगीश भाई संतुष्ट नहीं हर बात में उन्हें तेधा ही नज़र आता है .उन्हें संस्थान पसंद नहीं ,शिक्षक पसंद नहीं,विभाग पसंद नहीं , बगीश भाई की बात ही निराली ,एक भी अस्सिग्न्मेंट उन्होंने आखिरी वक्त तक जमा नही किया .जब कभी हम परीक्षा में बैठते टू सभी छात्र कौतुहल वश पूछते एराहते बगीश गी हिन्दी में लिख रहे हैं या अंग्रेज़ी में .लेकिन एन सबसे जरूरी यह था बगीश भाई सटिसफेड हैं या नही huम सबों की ये जिज्ञ्सा यथावत बनी हुई है .
मुम्बई जाने के बाद बगीश भाई कितने सतिस्फिद है? ये बात टू हमलोगों के लिए हमेशा कौतुहल का विषय रहेगा .

टिप्पणियाँ

विजय प्रताप ने कहा…
lekin maine to suna hai ki vo satisfai ho gaye hain. itane lambe samay ke baad blog par upasthiti ke lie sukriya aur badhai.
Unknown ने कहा…
yaar saumya satisfied hone ka to swaal he nahi hota. jis din ye kaaljai purus satisfied hogaya smjho usidin duniya ka annt ho gaya.

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